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डायबिटीज को वैज्ञानिक तरीके से कैसे ठीक करें?

The Bhramjaal में एक बार फिर आपका स्वागत है। आज की चर्चा में हम सीखेंगे डायबिटीज को वैज्ञानिक तरीके से कैसे ठीक करें? अगर किसी को लग रहा है...

Diabetes

The Bhramjaal में एक बार फिर आपका स्वागत है। आज की चर्चा में हम सीखेंगे डायबिटीज को वैज्ञानिक तरीके से कैसे ठीक करें?

अगर किसी को लग रहा है के Diabetes ने ज़िन्दगी जीने लायक नहीं छोड़ा है तो हिम्मत की पेटी बाँध लें। डायबिटीज के सन्दर्भ में, यहां पूरा विज्ञान सम्मत प्रोग्राम लिखा जा रहा है।

डायबिटीज रिवर्सल और डायबिटीज रीमिशन प्रोग्राम क्या हैं? इस के पीछे का विज्ञान क्या है? डायबिटीज को नियंत्रित या खत्म करने के लिये आप क्या कर सकते हैं?

डायबिटीज मेलिटस क्या है?

डायबिटीज मेलिटस यानि मेटाबोलिक डिसऑर्डर्स उपापचयी विकारों का एक समूह है, जिसमें रोगी के रक्त में ग्लूकोज यानी शर्करा की मात्रा लम्बे समय तक बढ़ी हुई रहती है। यह स्थिति शरीर में इन्सुलिन (Insulin) नामक एक हॉर्मोन की कमी या उसके ठीक से काम न करने के कारण होती है। इन्सुलिन हमारे शरीर में मौजूद अग्नाशय यानि पैंक्रियाज (Pancreas) नामक एक ग्रंथि द्वारा उत्पन्न किया जाता है। यह ग्रंथि पेट में, आमाशय (Stomach) के ठीक नीचे स्थित होती है और इसमें मौजूद बीटा सेल्स इन्सुलिन का निर्माण करते हैं।

इन्सुलिन का काम हमारे रक्त में ग्लूकोज की मात्रा को नियंत्रित करना होता है। जैसा कि आप जानते हैं, ग्लूकोज हमारे शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है और यह हमें भोजन, विशेषकर कार्बोहाइड्रेट युक्त आहार, से प्राप्त होता है। ग्लूकोज, फ्रक्टोज और गैलेक्टोज जैसे शर्कराएं कार्बोहाइड्रेट्स की सबसे छोटी इकाइयाँ होती हैं, जिन्हें और छोटे भागों में नहीं तोड़ा जा सकता। जब हम भोजन करते हैं, तो हमारी पाचन क्रिया के दौरान बड़े कार्बोहाइड्रेट्स जैसे कि स्टार्च टूटकर ग्लूकोज में बदल जाते हैं, और यह ग्लूकोज पाचन तंत्र से अवशोषित होकर रक्त में पहुँच जाता है। जब रक्त में ग्लूकोज का स्तर बढ़ता है, तो हमारी पैंक्रियाज यानी अग्नाशय ग्रंथि सक्रिय हो जाती है और इन्सुलिन का निर्माण और रिलीज़ शुरू कर देती है।

सामान्य शुगर लेवल कितना होना चाहिए?

एक स्वस्थ व्यक्ति का शुगर लेवल-
  • फास्टिंग :- 70 से 100 तक ठीक है।
  • खाने के बाद :- 140 तक ठीक है।

अगर फास्टिंग 125 तक है तो आप प्री-डायबिटिक हैं। अगर खाना खाने के बाद 200 से नीचे है तो भी आप प्री-डायबिटिक हैं। जिसका प्री-डायबिटिक रेंज से ऊपर है उसे डायबिटिक कहते हैं।

Diabetes Program के हिसाब से डायबिटीज मैनेज करने का सबसे आसान तरीका है कि आप अपने Mussels को इम्प्रूव कर लें। इससे यह लाभ मिलेगा कि आपके खून में जो Sugar दौड़ रहा है, वो Mussels में स्टोर होने लग जाएगा, तो वर्तमान में आप जितना कार्बोहाइड्रेट खा रहे हैं उस से दोगुना भी खाने लग जाएंगे तो सारा मसल्स अपने अंदर Consume करने लगेगा और इससे आपका Glucose Metabolism सुधर जाएगा। दूसरा के मसल्स इम्प्रूव हुई तो आपके कोलेस्ट्रॉल लेवल्स भी अपने आप इम्प्रूव हो जाएंगे, गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने का भी सबसे सस्ता और आसान उपाय है अपना Mussels मॉस बढ़ा लेना।

चाहे डायबिटीज प्रोग्राम हो या Generic Healthy Living, इसके लिए आपको Gym में ही Exercise करनी है। क्योंकि Gym ट्रेनिंग से आप के शरीर में उन Enzymes में वृद्धि होती है, जो गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है। गुड कोलेस्ट्रॉल का फायदा ये है कि ये बैड कोलेस्ट्रॉल को खून में से हटाकर वापस लिवर तक पहुंचाने में सहायक है जिस से कि ब्लॉकेज बनना बंद हो जाएगा।

ऐसे ही ट्राइग्लिसराइड्स कम करने का सबसे आसान तरीका है, मसल्स बना लेना। क्यूंकि जैसा कि ऊपर बताया गया कि आपकी इन्सुलिन सेंसिटिविटी बढ़ती है, तो Glucose सेल्स में चला जाता है, अब शरीर को Triglycerides बनाने की जरूरत नहीं है, जबकि जब आप अपनी मसल्स कॉन्ट्रैक्ट करते हैं तो Triglycerides एनर्जी के सोर्स के तौर पर भी इस्तेमाल हो जाते हैं।

बस Exercise और Mussels बिल्ड करने से पीछे मत हटें, क्योंकि मसल्स आपका सर्वश्रेष्ठ Health Marker होता है, और 90 की उम्र में भी Mussels बढ़ाना मुमकिन है।

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